Panchtantra stories

                         

Panchtantra stories

                     Panchtantra stories

ए बकरी अपने शैतान बच्चे के साथ रहती थी। एक दिन सुबह, उछलते-कूदते मेमना जंगल की ओर चला गया। उसकी माँ ने बच्चे को काफी मना किया कि वह घने-अँधेरे जंगल में अकेले न जाए।

उसने कहा, वहां बहुत सारे जंगली और खतरनाक जानवर होंगे। बेटे वहां अकेले मत जाओ।

माँ, चिंता मत करो। मैं ज्यादा दूर नहीं जाऊंगा, मेमने ने जवाब दिया। नन्हाँ मेमना उछल-कूद करते हुए खेल में मग्न हो गया और उसे पता ही नहीं चला कि वह जंगल में कितनी दूर आ गया है। जल्द ही अँधेरा हो गया। अब वह वापस अपनी माँ के पास जाना चाहता था, लेकिन बेचारा डरा-घबराया मेमना रास्ता भूल गया। वह गुम हो

हो चुका था और उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। वह अपनी माँ को पुकारते हुए चिल्लाने लगा। उसे अपने आरामदायक घर की याद सताने लगी। उसे महसूस हुआ कि उसने माँ की बात न मानकर बड़ी गलती कर दी।

तभी एक भेड़िया वहां पहुंचा और बोला, अरे आज रात तो मैं इसी मेमने का स्वादिष्ट गोश्त खाऊंगा। भेड़िए ने झपटकर मेमने को दबोच लिया। बेचारे मेमने को अपनी माँ की बात न मानने का दंड भुगतना पड़ा।

Leave a Comment