Parents love Kavita(poem)
कोरे कागज सा खाली बेजुबान अह्सास सा हूँ मैं। दीये सा चमकीला पर खुद अंधकार सा हूँ मैं। ओंस की बूंदों सा रोशन पर धूप से अनजान सा हूँ मैं। सागर सा अनंत पर अपनें में नमकीन सा हूँ मैं। कागज के फूलों सा रंगीन पर बिना खुशबू फीका सा हूँ मैं। हवा के … Read more