Tenali Raman Stories In Hindi तेनाली रमन कहानी – तेनालीराम की कहानियाँ

Tenali Raman Stories In Hindi तेनाली रमन कहानी – तेनालीराम की कहानियाँ उस रात मौसम खराब था।शाम के समय विट्ठल स्वामी मंदिर से लौटते हुए तेनालीराम आंधी तूफान में फंस गया।घर पहुंचने का कोई उपाय न पाकर तेनाली ने पास की एक सराय में शरण ली। उसके सारे कपड़े भींग चुके थे। सराय के मालिक … Read more

Tenali Raman Stories In Hindi तेनाली रमन कहानी – तेनालीराम की कहानियाँ

Tenali Raman Stories In Hindi तेनाली रमन कहानी – तेनालीराम की कहानियाँ हर वर्ष दशहरे से पूर्व काशी की नाटक मंडली विजयनगर आती थी। सामान्यतः वे राजा कृष्णदेव राय तथा विजयनगर की प्रजा के लिए रामलीला किया करते थे। परंतु एक बार राजा को सूचना मिली कि नाटक मंडली विजयनगर नहीं आ रही है। इसका … Read more

Ramdhari Singh Dinkar Poetry

Ramdhari Singh Dinkar Poetry: रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद,आदमी भी क्या अनोखा जीव होता है!उलझनें अपनी बनाकर आप ही फँसता,और फिर बेचैन हो जगता, न सोता है। जानता है तू कि मैं कितना पुराना हूँ?मैं चुका हूँ देख मनु को जनमते-मरते;और लाखों बार तुझ-से … Read more

Tenali Raman Stories In Hindi तेनाली रमन कहानी – तेनालीराम की कहानियाँ

Tenali Raman Stories In Hindi तेनाली रमन कहानी – तेनालीराम की कहानियाँ एक दिन तेनालीराम बाजार से गुजर रहा था। वहां उसने देखा कि मुर्गीखाने के सामने भीड़ लगी हुई है। तेनाली ने वहां खड़े लोगों से पूछा कि वहाँ क्या हुआ है, जो इतनी भीड़ लगी है ? किसी ने तेनाली को बताया कि … Read more

Tenali Raman Stories In Hindi तेनाली रमन कहानी – तेनालीराम की कहानियाँ

Tenali Raman Stories In Hindi तेनाली रमन कहानी – तेनालीराम की कहानियाँ हमारी हथेली पर बाल क्यों नहीं उगते ? एक दिन राजा कृष्णदेव राय ने राजदरबार में तेनालीराम से पूछा। महाराज! आपके हाथ सदा गरीबों को दान – दक्षिणा देने में व्यस्त रहते हैं। रगड़ खाने के कारण आपकी हथेलियों के बाल झड़ गये … Read more

Tenali Raman Stories In Hindi तेनाली रमन कहानी – तेनालीराम की कहानियाँ

  Tenali Raman Stories In Hindi तेनाली रमन कहानी – तेनालीराम की कहानियाँ तेनालीराम ने हम्पी में नया घर लिया। पर कुछ ही दिनों में वह उस घर में परेशान हो गया। घर के बाहर देर रात बच्चे शोर मचा-मचा कर खेलते रहते थे। एक शाम, रोज की तरह बच्चे तेनाली के घर बाहर पिट्ठू … Read more

महाकवि रामधारी सिंह दिनकरकृष्ण की चेतावनी

महाकवि रामधारी सिंह दिनकर कृष्ण की चेतावनी वर्षों तक वन में घूम-घूम, बाधा-विघ्नों को चूम-चूम,सह धूप-घाम, पानी-पत्थर,पांडव आये कुछ और निखर।सौभाग्य न सब दिन सोता है,देखें, आगे क्या होता है। मैत्री की राह बताने को,सबको सुमार्ग पर लाने को,दुर्योधन को समझाने को,भीषण विध्वंस बचाने को,भगवान् हस्तिनापुर आये,पांडव का संदेशा लाये। ‘दो न्याय अगर तो आधा … Read more

महाकवि रामधारी सिंह दिनकर

महाकवि रामधारी सिंह दिनकर जला अस्थियाँ बारी-बारी चिटकाई जिनमें चिंगारी,जो चढ़ गये पुण्यवेदी परलिए बिना गर्दन का मोलकलम, आज उनकी जय बोल। जो अगणित लघु दीप हमारेतूफानों में एक किनारे,जल-जलाकर बुझ गए किसी दिनमाँगा नहीं स्नेह मुँह खोलकलम, आज उनकी जय बोल। पीकर जिनकी लाल शिखाएँउगल रही सौ लपट दिशाएं,जिनके सिंहनाद से सहमीधरती रही अभी … Read more

महाकवि रामधारी सिंह दिनकर

महाकवि रामधारी सिंह दिनकर सदियों की ठण्डी-बुझी राख सुगबुगा  उठीमिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती हैदो राह, समय के रथ का घर्घर-नाद सुनोसिंहासन खाली करो कि जनता आती है जनता ? हाँ, मिट्टी की अबोध मूरतें वहीजाड़े-पाले की कसक सदा सहनेवाली जब अँग-अँग में लगे साँप हो चूस रहेतब भी न कभी मुँह खोल दर्द … Read more

मुंशी प्रेमचंद की कहानी : ईदगाह(IDGAH MUNSI PREMCHAND)

 मुंशी प्रेमचंद की कहानी : ईदगाह(IDGAH  MUNSI PREMCHAND)  रमजान का पाक महीना खत्म होने के बाद आखिरकार वो दिन आ गया जिसका सबको इंतजार था। आज ईद का दिन है। इस मनोहर और सुंदर दिन की बधाई पूरे गांव में किसी शहनाई की तरह गूंज रही है। चारों तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आ रही … Read more