Bachon ki kahaniyan

Bachon ki kahaniyan

 

                        Bachon ki kahaniyan

                         पुराने समय की एक दिलचस्प कहानी

एक समय की बात है, जब एक बड़े समुंद्र के किनारे एक छोटा सा सुंदर टापू बसा था। इस टापू में हरे-भरे पेड़-पौधे थे, मैदान में हरी घास उगी थी और विविध रंगीन फूल खिलते थे। इन फूलों की खुशबू से महकता वातावरण बना रहता था।

टापू का राजा एक उत्तम आदमी था, जो हमेशा लोगों की खुशियों में खुश रहता और उनके दुखों को कम करने का प्रयास करता। हर साल, वो टापू में स्थित देवी माता की पूजा करवाता और इस अवसर पर टापू के सबसे सुंदर फूल को चुनकर चढ़ावा देता। यह चुनाव राजा की मर्जी से होता था और चयनित फूल को चरणों में चढ़ा दिया जाता था।

बहुत सालों से, राजा गुलाब के फूलों को चुनता आया था क्योंकि वे लाल और सुंदर थे। इसके कारण गुलाब का पौधा गर्वित हो गया था। उसका मानना था कि वो सबसे बेहतर है और उसके अलावा कोई फूल नहीं है। उसने तितलियों और मधुमक्खियों को अपने पर बैठने नहीं दिया और न ही पक्षियों को अपनी डालियों पर आने दिया। उसके घमंड के कारण किसी भी प्राणी को उसके पास आने की आजादी नहीं थी।

गुलाब के पौधे को यकीन था कि राजा इस बार भी उसे ही चुनेंगे। पूजा के दिन, जब राजा बागीचे में पहुंचे, वह गुलाब के पास गए और देखकर चुके कि उसके फूल इस बार भी और भी सुंदर और खिले हुए हैं। राजा ने हाथ बढ़ाकर उन्हें छूने की कोशिश की, लेकिन फिर उन्होंने रुक जाने का निर्णय लिया और उसने और सुंदर फूलों की तलाश में जारी रख दी।

राजा की तलाश में घूमते-घूमते उनकी नजर पीले रंग के फूल पर पड़ी। वे जंगली पौधे की ओर बढ़े और देखकर आश्चर्य चकित हो गए। उनके चारों ओर अनेक तितलियाँ और पतंगे घूम रहे थे, जबकि गुलाब का पौधा अकेला खड़ा था। राजा धीरे से उस जंगली पौधे के पास गए और कहा – “यह पौधा है जो बिना किसी देखभाल के खिल गया है। बाकी सभी पौधे खाद-पानी और देखभाल से बड़े हुए हैं, लेकिन यह पौधा भी बहुत सुंदर और स्वस्थ है। इसका यही विशेषता है कि वो अपनी मेहनत से अपने आप को बढ़ावा देता है।” राजा के शब्दों के बाद, वे जंगली पौधे की सच्ची सुंदरता और महत्व को समझ गए।

कहानी से मिलने वाला सिख: सच्ची सुंदरता और महत्व हमारे आत्म-समर्पण, परिश्रम, और प्रेम में छिपे होते हैं।

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