दुखों से मुक्ति – Best Moral Stories for kids in Hindi – Famous Hindi Short Stories
एक बार भगवान बुद्ध जी एक गांव में उपदेश दे रहे थे। वहां पर एक धनी व्यक्ति उपदेश सुन रहा था। वह भगवान बुद्ध से एक प्रश्न पूछना चाहता था,
लेकिन सब लोगो के सामने प्रश्न पूछने में संकोच कर रहा था, क्योंकि उसकी गांव में काफी प्रतिष्ठा थी। प्रश्न ऐसा था, कि उसकी प्रतिष्ठा दांव पर लग जाती।
उपदेश खत्म होने के बाद जब सब लोग चले गए तब उसने बुद्ध के सामने हाथ जोड़कर प्रश्न पूछा-
प्रभु मेरे पास सब कुछ है- धन,दौलत, प्रतिष्ठा किसी भी चीज की कोई कमी नही है, लेकिन मैं खुश नही हूं, खुश रहने का राज क्या है?
मैं जानना चाहता हूं कि हमेशा खुश कैसे रहना चाहिए।
( यह सुनकर भगवान बुद्ध उसे अपने साथ जंगल मे ले गए )
और सामने एक बड़े पत्थर को देखकर कहा, कि इस पत्थर को उठाकर मेरे साथ चलो।
कुछ समय बाद उस व्यक्ति के हाथ मे दर्द होने लगा, लेकिन वह चुप रहा। काफी समय बीत जाने के बाद उससे दर्द सहा नही गया और बुद्ध जी से कहा – मेरे हाथ मे बहुत दर्द हो रहा हैबुद्ध जी ने कहा- पत्थर नीचे रख दो और पत्थर नीचे रखते ही उसे राहत महसूस हुई।
तब बुद्ध जी ने समझाया कि यही “खुश रहने का राज है।“
उस व्यक्ति को कुछ समझ नही आया।
बुद्ध जी बोले –
जिस तरह इस पत्थर को जितने समय तक हाथ मे रखोगे, उतना ही दर्द होगा। इसी प्रकार दुख के बोझ को जितनी देर तक हम अपने कंधे पर रखेंगे, उतने ही ज्यादा दुखी और निराश रहेंगे।
यदि व्यक्ति खुश रहना चाहता है तो उसे दुख के पत्थर को जल्द से जल्द नीचे रखना सीखना होगा।
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