Tenali Raman Stories In Hindi तेनाली रमन कहानी – तेनालीराम की कहानियाँ

Tenali Raman Stories In Hindi तेनाली रमन कहानी – तेनालीराम की कहानियाँ

Tenali Raman Stories In Hindi तेनाली रमन कहानी - तेनालीराम की कहानियाँ

हमारी हथेली पर बाल क्यों नहीं उगते ? एक दिन राजा कृष्णदेव राय ने राजदरबार में तेनालीराम से पूछा।

महाराज! आपके हाथ सदा गरीबों को दान – दक्षिणा देने में व्यस्त रहते हैं।

रगड़ खाने के कारण आपकी हथेलियों के बाल झड़ गये हैं। तेनाली ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया।

राजा कृष्णदेव राय तेनाली के उत्तर से प्रसन्न हुए, परन्तु कुछ ही देर में उसके दिमाग में फिर एक प्रश्न कुलबुलाया।

उन्होंने तेनाली से दोबारा पूछा अगर ऐसी बात है, तो तुम्हारी हथेली पर बाल क्यों नहीं हैं।

महाराज! मैं आपसे लगातार ईनाम, दान, दक्षिणा पाता रहता हूँ।

इसलिए मेरी हथेलियों के बाल भी उनसे रगड़ कर झड़ गये हैं। तेनाली ने राजा को समझाया।

पर राजा कृष्णदेव इतनी आसानी से मानने वाले नहीं थे। उन्होंने फिर पूछा, अगर ऐसी बात है, तो इस सब दरबारियों की हथेलियों पर बाल क्यों नहीं हैं ?

महाराज ! साधारण-सी बात है, जब आप मुझे लगातार ईनाम, दान, दक्षिणा देते रहते हैं।

आपस में रगड़ने के कारण इनकी हथेलियों पर भी बाल नहीं बचे हैं।

तेनालीराम ने मजे में कहा। तेनालीराम की बात पर राजा ठठाकर हंस पड़े और सभी राजदरबारियों के उतरे हुए मुँह देखने लायक थे।

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